आज हम जानते है हिन्दू धर्म के बारे में।
हिंदू धर्म सबसे प्राचीन धर्म है । इसके मानने और जानने वाले लोग करोड़ों की संख्या में हैं । हिन्दू लोग देवी-देवताओं के पूजन में विश्वास करते हैं ।
यदि इंसान मरता है तो मरने के बाद उसे फिर से जन्म लेना पड़ता है, हिंदू धर्म को माननेवाले लोग इसमें विश्वास करते हैं । वे ‘कर्म के सिद्धांत को मानते भी है और इसमें विश्वाश भी रखते है।
देखा जाये तो हमारा हिंदू धर्म बहुत ही ज्यादा बड़ा है।
सनातन धर्म
विद्वानों का कहना है कि ‘सनातन शब्द का अर्थ शाश्वत, स्थायी और प्राचीन है । इस कारण से हिंदू धर्म ‘सनातन धर्म भी कहलाता है । आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने हिंदू धर्म को ‘वैदिक धर्म’ कहा है । इसके पीछे उनका तर्क यह है कि वैदिक धर्म ही सनातन धर्म है और वही असली हिंदू धर्म है ।यह बात सच है कि विश्व के धर्मों के इतिहास में सबसे पुराना धर्म ‘वैदिक धर्म है।
वैदिक धर्म वहीं से शुरू होता है, जहाँ से वेदों की शुरुआत होती है । पुराने समय के सभी धर्म समाप्त हो गए, लेकिन वैदिक धर्म अभी तक जीवंत है ।
इसका मुख्य कारण यह है कि वैदिक धर्म आध्यात्मिक तत्त्वों पर टिका है । वे आध्यात्मिक तत्त्व ऐसे हैं, जिन्हें विज्ञान भी स्वीकार करता है । बड़े से बड़े वैज्ञानिक इस सच को झुटला नहीं सकते।
हिंदू धर्म के बड़े-बड़े विद्वान
हिंदू धर्म के बड़े-बड़े विद्वानों ने अपने बुद्धि-बल से अपने धर्म पर आए संकटों को समाप्त कर दिया । उन विद्वानों में व्यास, वसिष्ठ, पतंजलि, शंकराचार्य, रामानुज, कबीर, तुलसी, नानक, राजा राम मोहन राय, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामतीर्थ, मोहनदास करमचंद गांधी, महर्षि अरविंद, डॉ भगवानदास, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन,आदि के कार्य सराहनीय रहे ।जिनको कोई भी कभी नहीं भूल सकता।
इन विद्वानों ने समय-समय पर हिंदू धर्म के पक्ष में अपनी-अपनी बातों को पूरे तर्क के साथ लोगों के सामने रखा। और यही वज़ह रही हमारे हिंदू धर्म के बड़े होने की।
हिंदू धर्म एक ऐसा वट-वृक्ष है, जिसकी जितनी शाखाएँ हैं, उतने ही देवी-देवता भी हैं । उन सभी देवी-देवताओं को माननेवाले हिंदुओं की संख्या बहुत बड़ी है ।
यही नहीं, हर व्यक्ति को अपने-अपने देवी-देवता की पूजा करने की पूरी स्वतंत्रता है । हमारे हिंदू धर्म मै सभी को अपने अपने धर्म को मानने की पूरी आज़ादी है।
हिंदू धर्म के प्रमुख देवता
वैसे हिंदुओं के प्रमुख देवता हैं: ब्रह्मा, विष्णु, महेश । महेश को ‘शंकर भी कहा जाता है । हिंदू धर्म में इन देवताओं के अतिरिक्त श्रीराम और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है । श्री राम और श्री कृष्ण जी को तो हर इंसान जानता है और इन्हे मानते भी है। हिंदू धर्म में श्रीराम और श्रीकृष्ण को ‘विष्णु का अवतार माना जाता है । कृष्ण की लीला को ‘रासलीला का नाम दिया गया है ।
कृष्ण-भक्त स्थान-स्थान पर रासलीलाओं का आयोजन किया करते हैं । कृष्ण के भक्त भारत में तो हैं ही, विदेशों में भी उनकी काफी संख्या है । हिंदू धर्म की एक बहुत बड़ी विशेषता है।
हिंदू धर्म में देवियों का स्थान देवताओं से पहले है । उदाहरण के लिए: सीता-राम, राधा-कृष्ण, उमा-शंकर आदि।
तो इस तरह से हमें यह पता चलता है की हमारा हिंदू धर्म कितना बड़ा और कितना पुराणिक है।
Leave a Reply